1. यह वलय इतनी तेजी से घुर्णन करेगा कि अपकेन्द्री बल ( 2. वह गोल, गोल तेजी से घूमती जाती है तब अपकेन्द्री बल (सेन्टीफयूगल फ़ोर्स 3. अपकेन्द्री बल centrifugal force इसे 1 बिन्दु के रूप में संकुचित नहीं होने देगा ।4. जब कोई पिण्ड गोलाकार घूमता है तब उस पर अपकेन्द्री बल कार्य करने लगता है। 5. जब कोई पिण्ड गोलाकार घूमता है तब उस पर अपकेन्द्री बल कार्य करने लगता है। 6. जो अपकेन्द्री बल पृथ्वी के परिक्रमा-वेग से उत्पन्न होता है वह गुरुत्वाकर्षण बल का सन्तुलन कर लेता है। 7. जो अपकेन्द्री बल पृथ्वी के परिक्रमा-वेग से उत्पन्न होता है वह गुरुत्वाकर्षण बल का सन्तुलन कर लेता है। 8. यह वलय इतनी तेजी से घुर्णन करेगा कि अपकेन्द्री बल (centrifugal force) इसे एक बिन्दु के रूप मे संकुचित नही होने देगा। 9. यह वलय इतनी तेजी से घुर्णन करेगा कि अपकेन्द्री बल (centrifugal force) इसे एक बिन्दु के रूप मे संकुचित नही होने देगा। 10. चूंकि यह सारे पिण्ड अपनी नियत कक्षाओं में परिक्रमा रत हैं अथार्त उन पर पड़ रहे गुरुत्वाकर्षण बल तथा उनके अपकेन्द्री बल में सन्तुलन है।